DIAMOND SOUL
Things happen when the right efforts are made at the right time. Five factors collectively affect the success of the endeavor, depicted by diamond wave in the center. The union are- intentions, environment, timing, karmic state & present state of emotions.
पंच परावर्तन
मनुष्य भव का प्रत्येक कार्य पांच पर्वत परावर्तन के माध्यम से ही पूर्ण होता है। वे हैं – द्रव्य , क्षेत्र , काल , भव एवं भाव। इस चित्र में पांच पर्वत रूपी चेहरों का संयोग दर्शाया गया है। इसमें हीरे की चमकदार लहर किसी घटना की सफलता को इंगित कर रही है।
The higher souls can worship the amaranthine/ eternal places of the sun only on the day when it is closet to earth. The brilliancy of the sun is depicted by the shower of precious jewels embedded on it.
शाश्वत
सूर्य विमान में विराजमान शाश्वत जिनबिंबो की अर्चना करते हुए श्री भारत चक्रवर्ती श्रावण कृष्णा प्रतिपदा के दिन सूर्य पृथ्वी के अत्यधिक निकट वर्षो में केवल एक बार आने से सिद्ध जिनालय के दर्शन करते हैं अकृत्रिम जिन चैत्यालय हिरे की भाति चमकदार है और सूर्य विमान से अध्भुत रत्नों की वर्षा हो रही है।
As mentioned in ancient texts, the external possessions are of ten kinds depicted by the dark colored beings and the internal possession are of fourteen kinds depicted by the subtle colored beings. The Soul with us has majestic potential which gets hidden with possessiveness.
Detail: We are timeless beings. The time we spend in acquiring affluence for just a life span is not worth it.Besides material things, our beliefs are also our possessions, we eventually we must get rid of, In due course , the soul within us will express it’s majestic potential, once we learn the principle of abundance. As mentioned in ancient texts, the external possessions are of ten kinds depicted by the dark colored beings & the internal possessions are of fourteen kinds depicted by the subtle colored beings.
आकिंचन्य
परिग्रही व्यक्ति स्वयं को चक्रवर्ती से काम नहीं समझता। अतरंग एवं बहरिंग , दो प्रकार के परिग्रह हमेशा मुकुट पहने होते है। अतरंग परिग्रह के चौदह भेद , चौदह मुकुटधारी चेहरे है और बहरिंग के दस गहरे हरे चेहरे है। इस कलाकृति में इम्प्रेशनिस्ट तकनीक को बहुत खूबी से संजोया गया है। रंगो के चयन में डायमंड की छबि एवं फेसेट्स भी नज़र आते है।
True knowledge is one and large. Life should move towards it.
आगम
जिनवाणी “एक” एवं “वृहत” हैl मिथ्यात्व की हरियाली से हमें दूर रहकर आगम को अपनाना हैl
Wrong belief leads to wandering in our life span.
तपमुद्रा
तप द्वारा आत्मा विशुद्ध अवस्था प्राप्त करती है अज्ञानी भटकता रहता है।
We are bestowed with the spiritual message given by our saints to purify our soul.
दिव्यध्वनि
हमारे आचार्यों की वाणी हमें आत्मजागृति दिलाती हैं।
The path of Nirvana can be sought by study of four Anuyog.
अनुयोग
उच्च शिखर जैसे चार अनुयोग १. प्रथमानुयोग , २. चरणानुयोग , ३. द्रव्यानुयोग , ४. करणानुयोग को समझ कर ही मोक्ष मार्ग की जटीलता को पार किया जाता हैI
Place of salvation of many soul is being Protected by the Divine energy.
मुक्तागिरी
मुक्तागिरी सिद्ध क्षेत्र में केशरिया रंग के पुष्प की वर्षा होती है और ऐसे सुन्दर तीर्थ पर वंदना करने देव भी आते हैं।
Eternity can be attained only after relinquishing the dance of five senses.
पांच इन्द्रियाँ
पंच इन्द्रियों के द्वारा कर्म बंधते रहते हैं , इनके बंधन से मुक्ति ही मोक्ष है।
Our Karmas, both physical & emotional , are like strong mountainsclinging on soul and are activated by third element i.e. body.
नौ कर्म
जटिल पर्वतो की जोड़ी जो द्रव्य कर्म और भाव कर्म के आठ भेदों को दर्शाती है। ज्ञानवर्णीय , मोहनीय आदि आठ कर्मो के परमाणु उदयकाल से ही शरीर का संयोग पाकर सुख – दुःख का अनुभव कराते है और शरीरादि नौ कर्म है।
Alpha, Beta, Gama, Theta, Delta are the 5 Brain Waves that constitute the state of mind. The Sixth Wave is evolved through spiritual meditation.
सहस्त्र कमल
मस्तिष्क की तरंगें हैं , जो मनोदशा को दर्शाती है। शुद्ध आत्मध्यान से हृदय कमल जागृत होता है और सहस्त्र पंखुड़ी वाला अहृत कमल खिलता है जो सिद्धता को प्राप्त करता है
FIVE ELEMENTS: The universe is made of five elements , Earth, Water, Fire, Air & Space. The balanced and auspicious union of five elements has the capacity of moving range of mountains.
पंच तत्व
मूलभूत पांच तत्वों से सृष्टि का निर्माण हुआ है जब पांच तत्वों का सम्यक संतुलन हो जाये तो हम पर्वतों को भी हिला सकते हैं।
By adopting the ten powerfull dharma we can cleanse our soul & realize the path of Nirvana.
दस धर्म
पहाड़ रूपी दस -उत्तम क्षमा ,मार्दव ,आर्जव ,सत्य , शौच , संयम, तप, त्याग, अकिंचन्य एवं ब्रम्हचर्य के पालन से हम निर्मलता की और मोक्ष की प्राप्ति कर सकते हैं।
The Brilliancy of a Diamond is limited to our environment only, though a pure soul can illuminate the entire universe.
आत्म-शुद्धि
हीरे जैसी बहुमूल्य वस्तु की चमक अपने पर्यावरण तक ही सीमित रहती है , लेकिन विशुद्ध आत्मा की अलौकिक चमक पुरे लोकाकाश में फैलती है।
Discourse of eternal sound versed in jinvani has twelve parts.
द्वादशांग वाणी
जिनवाणी के बारह अंग जो गणधर ने आगम रचा एवं सभी दिशायों ने ग्रहित किया।
A ray of light from pure soul can abandon effects of bad karmas.
आत्मज्योती
शुद्ध आत्मा का स्वरुप अत्यंत प्रज्वलित है की एक सूक्ष्म छिद्र के बराबर की रौशनी भी 108 पाप कर्मो का नाश कर सकती है।
A journey into heavenly planets through the universe fantasized with chariot of Erawat.
ऐरावत
एक अदभुत सवारी जो कल्पना से दूर ले जाती है।
Fibonacci is the energy of flowing light , pure ‘being’ This is the sequence in which inner aspect of things get manifestion.
फिबोनेसी
फिबोनेसी प्रवाह की चमक, शुद्ध होने की ऊर्जा है। यह अनुक्रम जिसमें चीजों का आंतरिक पहलू प्रकट होता है
Right Knowledge is first step and necessary to fly to ultimate.
ज्ञानार्णव
शास्त्र देवता का ही एक स्वप्न है ज्ञान ही वह शक्ति है जो हमे परमात्मा की उंचाईयों पर पहुंचाती है।
None of our Universal attachments and possessions are permanent.
अनित्य भावना
राजा, राणा, छत्रपति, गज आदि सभी इस दुनिया को छोड़कर चले गए। हमारे परिग्रह में जो कुछ है , सब अस्थायी है।
Our saints do cross over the difficult path of life in quest of nirvana or highest power
अन्वीक्षण
हमारे संत निर्वाण या उच्चतम शक्ति की खोज में जीवन के कठिन रास्ते पार करते हैं
Imagine yourself undisturbed in the middle of a quiet ocean(ksheer sagar), sitting on a throne above golden petal of lotus 1000 petals. The Soul emanates the golden rays in all ten spreading the inner light of the soul.
पिण्डस्त ध्यान
हमें क्षीरसागर का चिंतन करना चाहिए , जिस पर दूर हीरे ी चमक वाली बर्फ की शिला है और उसपर हज़ार पँक्तियों वाला कमल है, जिसकी एक सोने की पंखुड़ी पर सिंहासन विराजमान है और उसपर स्वयं की आत्मा शोभायमान है ऐसा विचार कर ध्यान करना है जिसकी स्वर्णिम आभा से सौर मंडल चमक उठता है।
Six mountains refers to the state of mind , which is reflected by our deeds, They are called “Leshyas”.The hue of black, grey & blue leshyas lead the soul to ruin & yellow, pink, white leshyas lead the soul to spiritual prosperity.
लेश्या
आत्मा विकारों की चाह से आच्छादित होती है जिन्हे शास्त्रों में 6 लेश्या की संज्ञा दी है। इनमे तीन भव पाप जनित हैं और तीन भव पुण्य जनित हैं।
The power of soul is ultimate by adopting True Vision, Knowledge and action through passage of Ten Principles & Sixteen Virtues. The Soul can attain Nirvana through steps of 14 gunasthaan.
सिद्धालय मार्ग
सोलह कारण भावना से मोक्ष मार्ग प्रशस्त होता है। दस उत्तम धर्म अपनाने से आत्मा विशुद्धि को प्राप्त करती है। तीन रत्नत्रय सम्यक दर्शन , ज्ञान एवं चारित्र को ध्याते हुए १४ गुणस्थान की सीढ़ियाँ चढ़ कर, केवल ज्ञान प्राप्त कर सिद्धशिला में आत्मा विराजमान हो जाती है।
Sumeru mountain is the center of what scientist called “ Milkyway” galaxy.
सुमेरु
जब तीर्थंकर का जन्म होता है तब इंद्र देव उन्हें सुमेरु पर्वत की पाण्डु शिला पर ले जाकर अभिषेक करते है एवं जन्मकल्याणक का उत्सव हर्षोउल्हास से मनाते है।